एफडी कराने वालों के लिए बड़ी खबर, 1 अप्रैल से TDS का नया नियम होगा लागू। TDS New Rules

TDS New Rules: भारत में अधिकांश लोग अपने भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए विभिन्न निवेश विकल्पों का सहारा लेते हैं। इन विकल्पों में फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) सबसे अधिक लोकप्रिय और विश्वसनीय माना जाता है। एफडी एक ऐसा निवेश माध्यम है जिसमें निवेशकों को न केवल उनके पैसे की सुरक्षा का आश्वासन मिलता है, बल्कि एक निश्चित अवधि के बाद निश्चित ब्याज दर पर रिटर्न भी मिलता है। यही कारण है कि आम आदमी से लेकर वरिष्ठ नागरिक तक, सभी अपनी बचत का एक हिस्सा एफडी में रखना पसंद करते हैं।

हालांकि, एफडी पर मिलने वाले ब्याज पर टैक्स डिडक्शन एट सोर्स (टीडीएस) काटा जाता है, जो कई बार निवेशकों के लिए चिंता का विषय बन जाता है। लेकिन अब इस चिंता से राहत मिलने वाली है, क्योंकि केंद्र सरकार ने अपने नए बजट 2025 में टीडीएस के नियमों में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं, जो 1 अप्रैल 2025 से लागू होंगे। आइए जानते हैं कि ये बदलाव क्या हैं और इनसे निवेशकों को कैसे फायदा होगा।

टीडीएस क्या है और कैसे काम करता है?

टैक्स डिडक्शन एट सोर्स (टीडीएस) सीधे शब्दों में कहें तो स्रोत पर कटने वाला टैक्स है। जब कोई व्यक्ति या संस्था आपको कोई भुगतान करती है, तो वह भुगतान करने से पहले ही एक निश्चित प्रतिशत टैक्स काटकर सीधे सरकार को जमा कर देती है। एफडी के संदर्भ में, जब आपके एफडी पर ब्याज मिलता है और वह ब्याज एक निश्चित सीमा से अधिक हो जाता है, तो बैंक उस ब्याज राशि पर टीडीएस काटता है।

वर्तमान नियमों के अनुसार, सामान्य नागरिकों के लिए बैंक एफडी पर मिलने वाले ब्याज पर टीडीएस तभी काटा जाता है जब एक वित्तीय वर्ष में कुल ब्याज आय 40,000 रुपये से अधिक हो जाती है। वहीं वरिष्ठ नागरिकों (60 वर्ष या उससे अधिक आयु के लोगों) के लिए यह सीमा 50,000 रुपये है। इस सीमा से अधिक होने पर, बैंक द्वारा 10% की दर से टीडीएस काटा जाता है।

हालांकि, अगर आपका पैन कार्ड बैंक के रिकॉर्ड में नहीं है या फिर आपने पैन कार्ड को आधार से नहीं जोड़ा है, तो टीडीएस की दर 20% तक बढ़ सकती है। इसलिए यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि आपका पैन कार्ड बैंक के पास अपडेट है और आधार से लिंक है।

सामान्य नागरिकों के लिए नई टीडीएस सीमा

केंद्रीय बजट 2025 में सरकार ने सामान्य नागरिकों के लिए ब्याज आय पर टीडीएस की सीमा में वृद्धि करने का प्रस्ताव दिया है। 1 अप्रैल 2025 से, सामान्य नागरिकों के लिए टीडीएस की सीमा 40,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दी जाएगी। इसका मतलब है कि अगर किसी व्यक्ति की एक वित्तीय वर्ष में कुल ब्याज आय 50,000 रुपये से कम है, तो उस पर कोई टीडीएस नहीं काटा जाएगा।

यह बदलाव उन लोगों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद है जो छोटी-छोटी बचत करते हैं और एफडी पर निर्भर हैं। इससे न केवल उनकी वार्षिक ब्याज आय पर टैक्स का बोझ कम होगा, बल्कि टीडीएस न कटने से उन्हें अपने पैसे का अधिकतम उपयोग करने का मौका मिलेगा।

उदाहरण के लिए, अगर कोई व्यक्ति 8% की ब्याज दर पर 6 लाख रुपये की एफडी करता है, तो उसे एक वर्ष में लगभग 48,000 रुपये का ब्याज मिलेगा। पुराने नियम के अनुसार, इस ब्याज पर टीडीएस काटा जाता क्योंकि यह राशि 40,000 रुपये से अधिक है। लेकिन नए नियम के तहत, इस ब्याज पर कोई टीडीएस नहीं काटा जाएगा क्योंकि यह 50,000 रुपये से कम है।

वरिष्ठ नागरिकों के लिए बड़ी राहत

वरिष्ठ नागरिकों के लिए, सरकार ने एक बड़ी राहत दी है। 1 अप्रैल 2025 से, वरिष्ठ नागरिकों के लिए ब्याज आय पर टीडीएस की सीमा को दोगुना करके 50,000 रुपये से बढ़ाकर 1,00,000 रुपये कर दिया गया है। इसका मतलब है कि अगर किसी वरिष्ठ नागरिक की एक वित्तीय वर्ष में कुल ब्याज आय 1 लाख रुपये से कम है, तो उस पर कोई टीडीएस नहीं काटा जाएगा।

यह बदलाव वरिष्ठ नागरिकों के लिए बहुत फायदेमंद है, क्योंकि सेवानिवृत्ति के बाद उनकी आय का प्रमुख स्रोत अक्सर एफडी जैसे निवेशों से मिलने वाला ब्याज ही होता है। इस बदलाव से उन्हें अपनी आय का अधिकतम हिस्सा बिना किसी कटौती के प्राप्त होगा, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति और बेहतर होगी।

उदाहरण के लिए, अगर कोई वरिष्ठ नागरिक 8% की ब्याज दर पर 12 लाख रुपये की एफडी करता है, तो उसे एक वर्ष में लगभग 96,000 रुपये का ब्याज मिलेगा। पुराने नियम के अनुसार, इस ब्याज पर टीडीएस काटा जाता क्योंकि यह राशि 50,000 रुपये से अधिक है। लेकिन नए नियम के तहत, इस ब्याज पर कोई टीडीएस नहीं काटा जाएगा क्योंकि यह 1 लाख रुपये से कम है।

अन्य निवेश विकल्पों पर टीडीएस नियमों में बदलाव

सरकार ने केवल एफडी पर ही नहीं बल्कि अन्य निवेश विकल्पों पर भी टीडीएस के नियमों में बदलाव किए हैं। इनमें लॉटरी, म्यूचुअल फंड, शेयर बाजार और बीमा कमीशन से संबंधित नियम शामिल हैं।

लॉटरी पर टीडीएस के नए नियम

लॉटरी से होने वाली जीत पर टीडीएस के नियमों को भी सरल बना दिया गया है। पहले के नियम के अनुसार, अगर किसी व्यक्ति की एक वित्तीय वर्ष में कुल लॉटरी जीत 10,000 रुपये से अधिक होती थी, तो उस पर टीडीएस काटा जाता था। लेकिन अब नए नियम के अनुसार, टीडीएस केवल तभी काटा जाएगा जब एक ट्रांजेक्शन में जीती गई राशि 10,000 रुपये से अधिक होगी।

यह बदलाव उन लोगों के लिए फायदेमंद होगा जो छोटी-छोटी राशि की लॉटरी खेलते हैं और कई बार में कुल 10,000 रुपये से अधिक जीतते हैं। अब उन्हें हर छोटी जीत पर टीडीएस नहीं देना पड़ेगा, सिर्फ 10,000 रुपये से अधिक की एकल जीत पर ही टीडीएस कटेगा।

म्यूचुअल फंड और शेयर बाजार से जुड़े नियम

म्यूचुअल फंड और शेयर बाजार में निवेश करने वालों के लिए भी अच्छी खबर है। डिविडेंड इनकम पर टीडीएस की सीमा को 5,000 रुपये से बढ़ाकर 10,000 रुपये कर दिया गया है। इसका मतलब है कि अगर किसी निवेशक को एक वित्तीय वर्ष में 10,000 रुपये से कम का डिविडेंड मिलता है, तो उस पर कोई टीडीएस नहीं काटा जाएगा।

यह बदलाव छोटे निवेशकों के लिए बहुत फायदेमंद है, क्योंकि उन्हें अपने निवेश पर मिलने वाले डिविडेंड पर टैक्स का बोझ कम होगा। इससे उन्हें अपने निवेश से अधिकतम रिटर्न प्राप्त करने में मदद मिलेगी।

बीमा कमीशन पर टीडीएस के नए नियम

बीमा एजेंटों और ब्रोकर्स के लिए भी अच्छी खबर है। बीमा पॉलिसियों पर मिलने वाले कमीशन पर टीडीएस की सीमा को 15,000 रुपये से बढ़ाकर 20,000 रुपये कर दिया गया है। इसका मतलब है कि अगर किसी बीमा एजेंट या ब्रोकर को एक वित्तीय वर्ष में 20,000 रुपये से कम का कमीशन मिलता है, तो उस पर कोई टीडीएस नहीं काटा जाएगा।

यह बदलाव बीमा एजेंटों और ब्रोकर्स के लिए फायदेमंद है, क्योंकि उन्हें अपने कमीशन पर टैक्स का बोझ कम होगा। इससे उन्हें अपनी आय का अधिकतम हिस्सा हाथ में प्राप्त होगा।

टीडीएस बचाने के उपाय

टीडीएस से बचने के लिए कुछ उपाय हैं जिन्हें आप अपना सकते हैं:

फॉर्म 15G/15H जमा करें

अगर आपकी कुल आय कर योग्य सीमा से कम है, तो आप बैंक में फॉर्म 15G (गैर-वरिष्ठ नागरिकों के लिए) या फॉर्म 15H (वरिष्ठ नागरिकों के लिए) जमा करके टीडीएस से बच सकते हैं। इन फॉर्मों को जमा करने से बैंक आपके एफडी पर मिलने वाले ब्याज पर टीडीएस नहीं काटेगा।

निवेश को विभाजित करें

अगर आपकी एफडी पर मिलने वाला ब्याज टीडीएस की सीमा से अधिक है, तो आप अपने निवेश को अलग-अलग बैंकों में विभाजित कर सकते हैं। इससे हर बैंक में आपकी ब्याज आय टीडीएस की सीमा से कम रहेगी और टीडीएस नहीं कटेगा।

परिवार के सदस्यों के नाम पर निवेश करें

आप अपने परिवार के सदस्यों, जैसे पति/पत्नी, बच्चों या माता-पिता के नाम पर भी एफडी करवा सकते हैं। इससे हर व्यक्ति की ब्याज आय अलग-अलग गिनी जाएगी और अगर यह टीडीएस की सीमा से कम है, तो टीडीएस नहीं कटेगा।

पैन कार्ड को आधार से लिंक करें

यह सुनिश्चित करें कि आपका पैन कार्ड आधार से लिंक है और बैंक के पास अपडेट है। अगर पैन कार्ड नहीं है या आधार से लिंक नहीं है, तो टीडीएस की दर 10% के बजाय 20% हो जाती है।

टीडीएस नियमों में बदलाव का प्रभाव

सरकार द्वारा किए गए इन बदलावों का निवेशकों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। इन बदलावों से निवेशकों को अपनी ब्याज आय पर कम टैक्स देना पड़ेगा और उन्हें अपने पैसे का अधिकतम उपयोग करने का मौका मिलेगा।

विशेष रूप से वरिष्ठ नागरिकों के लिए, टीडीएस की सीमा को 1 लाख रुपये तक बढ़ाने से उन्हें बहुत राहत मिलेगी। क्योंकि उनकी आय का प्रमुख स्रोत अक्सर एफडी जैसे निवेशों से मिलने वाला ब्याज ही होता है, इसलिए इस बदलाव से उनकी आर्थिक स्थिति और बेहतर होगी।

इसके अलावा, अन्य निवेश विकल्पों पर भी टीडीएस की सीमा बढ़ाने से निवेशकों को फायदा होगा। इससे निवेश को प्रोत्साहित किया जाएगा और लोग अपनी बचत को अधिक प्रभावी ढंग से प्रबंधित कर सकेंगे।

1 अप्रैल 2025 से लागू होने वाले टीडीएस के नए नियम निवेशकों के लिए बड़ी राहत लेकर आए हैं। सामान्य नागरिकों के लिए टीडीएस की सीमा 40,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये करना और वरिष्ठ नागरिकों के लिए इसे 50,000 रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये करना एक स्वागत योग्य कदम है।

इन बदलावों से निवेशकों को अपनी ब्याज आय पर कम टैक्स देना पड़ेगा और उन्हें अपने पैसे का अधिकतम उपयोग करने का मौका मिलेगा। विशेष रूप से वरिष्ठ नागरिकों के लिए, जिनकी आय का प्रमुख स्रोत अक्सर एफडी जैसे निवेशों से मिलने वाला ब्याज ही होता है, इन बदलावों से बहुत राहत मिलेगी।

इसलिए, अगर आप भी एफडी में निवेश कर रहे हैं या निवेश करने की योजना बना रहे हैं, तो इन नए नियमों के बारे में जानकारी रखें और इनका लाभ उठाएं। अपने निवेश को इस तरह से प्लान करें कि आपको अपनी ब्याज आय पर न्यूनतम टैक्स देना पड़े और आप अपने पैसे का अधिकतम लाभ उठा सकें।

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