Saving Account: आधुनिक समय में लगभग हर व्यक्ति का बैंक में सेविंग अकाउंट होता है। अधिकांश लोग अपनी कमाई का एक हिस्सा बचत के रूप में बैंक में जमा करते हैं। यह एक अच्छी आदत है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि आयकर विभाग ने बैंक ट्रांजैक्शन के लिए कुछ सीमाएं निर्धारित की हैं? इन नियमों का पालन न करने पर आपको आयकर विभाग की ओर से नोटिस मिल सकता है। इस लेख में हम बचत खाते में ट्रांजैक्शन की सीमाओं और महत्वपूर्ण नियमों के बारे में विस्तार से जानेंगे।
सेविंग अकाउंट से जुड़े महत्वपूर्ण नियम
आयकर विभाग के अनुसार, बैंक के बचत खाते में जमा और निकासी की एक निश्चित सीमा होती है। यदि आप इस निर्धारित सीमा से अधिक लेन-देन करते हैं, तो आपका बैंक इसकी जानकारी आयकर विभाग को भेज सकता है। इससे आपकी वित्तीय गतिविधियों पर नज़र रखी जा सकती है।
सालाना 10 लाख रुपये की सीमा
वित्तीय वर्ष (2025-2026) के दौरान अगर आपके बचत खाते में कुल 10 लाख रुपये से अधिक की राशि जमा होती है, तो बैंक इसकी रिपोर्ट आयकर विभाग को करता है। विभाग यह जांच करता है कि क्या इस राशि पर उचित कर का भुगतान किया गया है या नहीं। अगर आपकी आय के स्रोत स्पष्ट हैं और आपने कर का भुगतान किया है, तो आपको चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है।
एक दिन में 2 लाख रुपये की सीमा
आयकर अधिनियम की धारा 269ST के अनुसार, आप एक दिन में बचत खाते से 2 लाख रुपये से अधिक का नकद लेन-देन नहीं कर सकते। अगर आप इससे अधिक नकद जमा या निकासी करते हैं, तो बैंक इसकी सूचना आयकर विभाग को देता है। यह नियम काले धन और अवैध लेन-देन पर रोक लगाने के लिए बनाया गया है।
पैन कार्ड की अनिवार्यता
जब आप एक दिन में 50,000 रुपये या उससे अधिक नकद राशि जमा करते हैं, तो बैंक आपसे पैन (PAN) की जानकारी मांगता है। पैन एक विशिष्ट पहचान संख्या है जो आयकर विभाग द्वारा जारी की जाती है। इससे विभाग आपके वित्तीय लेन-देन की निगरानी कर सकता है और यह सुनिश्चित कर सकता है कि आप नियमित रूप से कर का भुगतान कर रहे हैं।
पैन कार्ड न होने की स्थिति में क्या करें?
अगर आपके पास पैन कार्ड नहीं है, तो भी आप बैंकिंग सेवाओं का उपयोग कर सकते हैं। ऐसी स्थिति में आपको फॉर्म 60 या फॉर्म 61 भरना होगा। ये फॉर्म उन व्यक्तियों के लिए हैं जिनके पास पैन कार्ड नहीं है लेकिन वे बड़े मूल्य के लेन-देन करना चाहते हैं। इन फॉर्म में आपको अपनी व्यक्तिगत जानकारी और लेन-देन का विवरण देना होता है।
उच्च मूल्य के ट्रांजैक्शन की रिपोर्टिंग
यदि आप एक ही दिन में 10 लाख रुपये या उससे अधिक का लेन-देन करते हैं, तो इसे उच्च-मूल्य वाला ट्रांजैक्शन माना जाता है। ऐसे लेन-देन की जानकारी आयकर विभाग को देना बैंक के लिए अनिवार्य है। इस तरह के ट्रांजैक्शन को अधिकारी विशेष रूप से जांचते हैं और यदि आवश्यक हो, तो आपसे अतिरिक्त जानकारी मांग सकते हैं।
आयकर विभाग से नोटिस क्यों आता है?
कई कारण हैं जिनसे आपको आयकर विभाग से नोटिस मिल सकता है। अगर आप बार-बार 50,000 रुपये से अधिक की नकद राशि जमा करते हैं और इसका उचित स्पष्टीकरण नहीं देते, तो बैंक इसकी रिपोर्ट कर सकता है। इसके अलावा, अगर आपके खाते में अचानक बड़ी राशि जमा होती है या आपकी घोषित आय और बैंक ट्रांजैक्शन में बड़ा अंतर पाया जाता है, तो भी आपको नोटिस मिल सकता है।
बचत खाते का सुरक्षित उपयोग कैसे करें?
आयकर विभाग से परेशानी से बचने के लिए आपको कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए। एक दिन में 2 लाख रुपये से अधिक नकद लेन-देन न करें। बड़े लेन-देन के लिए चेक, NEFT, RTGS या UPI जैसे डिजिटल माध्यमों का उपयोग करें। 50,000 रुपये से अधिक की नकद जमा पर पैन कार्ड का विवरण अवश्य प्रदान करें। एक वित्तीय वर्ष में 10 लाख रुपये से अधिक जमा करने पर उसका स्रोत स्पष्ट करें। अपने बैंक से जुड़े सभी दस्तावेज अपडेट रखें, ताकि आवश्यकता पड़ने पर आप सही जानकारी दे सकें।
समझदारी से बचत खाते का प्रबंधन
बचत खाते का प्रबंधन करते समय आयकर के नियमों का पालन करना महत्वपूर्ण है। अचानक बड़े लेन-देन से बचें और यदि ऐसा करना आवश्यक है, तो उसका उचित दस्तावेजीकरण करें। अपनी आय के स्रोत स्पष्ट रखें और समय पर कर का भुगतान करें। इन बातों का ध्यान रखकर आप बिना किसी परेशानी के अपने बचत खाते का उपयोग कर सकते हैं और आयकर विभाग से नोटिस के खतरे से भी बच सकते हैं।
सरकार ने ये नियम काले धन पर रोक लगाने और कर चोरी को रोकने के लिए बनाए हैं। इन नियमों का पालन करके आप न केवल कानूनी परेशानियों से बचते हैं, बल्कि देश के आर्थिक विकास में भी योगदान देते हैं। ईमानदारी से कर का भुगतान करना हर नागरिक का कर्तव्य है।
अस्वीकरण: यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए लिखा गया है। किसी भी वित्तीय निर्णय लेने से पहले कृपया अपने बैंक या वित्तीय सलाहकार से परामर्श लें।