1 अप्रैल से नए UPI नियम: ऐसा नहीं किया तो रद्द हो सकता है आपका मोबाइल नंबर..! New UPI rules from April 1

New UPI rules from April 1: आजकल डिजिटल भुगतान का इस्तेमाल हर कोई करता है और इसमें यूपीआई (UPI) की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है। अब इसी यूपीआई सिस्टम में 1 अप्रैल 2025 से कई बड़े बदलाव होने जा रहे हैं। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने यूपीआई को और अधिक सुरक्षित और बेहतर बनाने के लिए कुछ नए नियम बनाए हैं। इन नियमों का मुख्य उद्देश्य धोखाधड़ी को रोकना और ग्राहकों के पैसों की सुरक्षा करना है। आइए जानते हैं इन नए नियमों के बारे में विस्तार से।

मोबाइल नंबर अपडेट का प्रावधान: क्यों है जरूरी?

नए नियमों के अनुसार, सभी बैंकों और पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर्स (PSPs) को हर हफ्ते अपने डेटाबेस को अपडेट करना होगा। इसमें उन मोबाइल नंबरों को हटाना शामिल है जो बंद हो चुके हैं या फिर जिन्हें दूसरे लोगों को दे दिया गया है। इसका कारण यह है कि अगर कोई पुराना मोबाइल नंबर किसी दूसरे व्यक्ति को मिल जाता है, तो उस नंबर से जुड़े यूपीआई अकाउंट का दुरुपयोग हो सकता है। इसलिए यह नया नियम धोखाधड़ी को रोकने में बहुत मदद करेगा।

उपयोगकर्ताओं को भी अपने मोबाइल नंबर को अपडेट करने के लिए स्पष्ट सहमति देनी होगी। यदि आप अपना मोबाइल नंबर बदलते हैं या फिर पोर्ट करवाते हैं, तो आपको यूपीआई ऐप के माध्यम से इसकी जानकारी देनी होगी। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं, तो आपका यूपीआई अकाउंट बंद हो सकता है और आप डिजिटल भुगतान करने में असमर्थ हो सकते हैं।

UPI 123Pay और UPI Lite की बढ़ी सीमाएं

अच्छी खबर यह है कि UPI 123Pay की लेनदेन सीमा अब ₹5,000 से बढ़ाकर ₹10,000 कर दी गई है। यह बदलाव उन लोगों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद होगा जो फीचर फोन का इस्तेमाल करते हैं। अब वे बिना इंटरनेट के भी ₹10,000 तक के लेनदेन कर पाएंगे। इसके अलावा, UPI Lite की सीमा भी बढ़ाई जा रही है, जिससे उपयोगकर्ताओं को छोटे लेनदेन करने में और अधिक सुविधा होगी।

यह बदलाव विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए बहुत फायदेमंद होगा, जहां इंटरनेट की पहुंच हमेशा अच्छी नहीं होती। UPI 123Pay की बढ़ी हुई सीमा से वे अपने दैनिक भुगतान आसानी से कर पाएंगे।

कॉन्वीनिएंस फीस और ऑटो चार्जबैक प्रोसेस में बदलाव

नए नियमों के तहत, कुछ बिल भुगतानों पर कॉन्वीनिएंस फीस लगाई जाएगी। यह फीस 0.5% से 1% + GST की दर से होगी। यह शुल्क प्लेटफॉर्म की लागत को पूरा करने के लिए लगाया जा रहा है। हालांकि, यह शुल्क सभी तरह के लेनदेन पर नहीं, बल्कि केवल कुछ विशेष बिल भुगतानों पर ही लागू होगा।

साथ ही, ऑटो चार्जबैक प्रोसेस भी शुरू किया जाएगा। इसका मतलब है कि अगर कोई लेनदेन असफल होता है या फिर गलती से दो बार हो जाता है, तो पैसे स्वचालित रूप से वापस आ जाएंगे। यह उपयोगकर्ताओं के लिए एक बड़ी राहत होगी क्योंकि उन्हें पैसे वापस पाने के लिए अलग से कोई शिकायत दर्ज करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

अंतरराष्ट्रीय UPI लेनदेन की सुविधा

एक और अच्छी खबर यह है कि अब अंतरराष्ट्रीय UPI लेनदेन की सुविधा भी उपलब्ध होगी। इसका मतलब है कि आप विदेशी यात्रा के दौरान भी UPI का इस्तेमाल कर पाएंगे। यह उन लोगों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद होगा जो अक्सर विदेश यात्रा करते हैं और वहां डिजिटल भुगतान का उपयोग करना चाहते हैं।

NPCI इस सुविधा को कई देशों में शुरू करने की योजना बना रहा है, जिससे भारतीय पर्यटकों को विदेशों में भुगतान करने में आसानी होगी। यह न केवल सुविधाजनक होगा बल्कि विदेशी मुद्रा के लेनदेन में भी पारदर्शिता लाएगा।

क्रेडिट कार्ड UPI लेनदेन पर शुल्क

₹2,000 से अधिक के क्रेडिट कार्ड UPI लेनदेन पर अब शुल्क लगाया जाएगा। यह शुल्क क्रेडिट कार्ड कंपनियों द्वारा वसूला जाएगा और इसका उद्देश्य लेनदेन को अधिक पारदर्शी बनाना है। हालांकि, ₹2,000 तक के लेनदेन पर कोई शुल्क नहीं लगेगा, जिससे छोटे भुगतान करने वाले उपयोगकर्ताओं पर कोई अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा।

यह नया नियम क्रेडिट कार्ड कंपनियों और पेमेंट ऐप्स के बीच एक संतुलन बनाने में मदद करेगा और साथ ही उपयोगकर्ताओं को भी अपने खर्च पर नियंत्रण रखने में सहायता करेगा।

थर्ड पार्टी ऐप्स पर वॉल्यूम कैप

NPCI ने थर्ड पार्टी ऐप्स पर 30% वॉल्यूम कैप भी लगाया है। इसका मतलब है कि कोई भी ऐप UPI लेनदेन के कुल वॉल्यूम का 30% से अधिक हिस्सा नहीं ले पाएगा। यह नियम प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने और बाजार में विविधता लाने के लिए बनाया गया है।

इस नियम से छोटे पेमेंट ऐप्स को भी बाजार में अपनी जगह बनाने का मौका मिलेगा और उपयोगकर्ताओं को भी विभिन्न विकल्प मिलेंगे। यह एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देगा और अंततः उपयोगकर्ताओं को बेहतर सेवाएं मिलेंगी।

उपयोगकर्ताओं के लिए क्या है जरूरी?

इन नए नियमों के साथ, उपयोगकर्ताओं को कुछ बातों का ध्यान रखना होगा:

सबसे पहले, अपने मोबाइल नंबर को हमेशा अपडेट रखें। अगर आप अपना मोबाइल नंबर बदलते हैं, तो तुरंत अपने बैंक और UPI ऐप को सूचित करें। UPI ऐप्स के माध्यम से स्पष्ट सहमति दें जब भी आपसे मोबाइल नंबर अपडेट करने के लिए कहा जाए।

अपने UPI ऐप्स को नियमित रूप से अपडेट करें ताकि आप नए नियमों के अनुसार सेवाओं का लाभ उठा सकें। अगर आप कोई भी अंतरराष्ट्रीय UPI लेनदेन या क्रेडिट कार्ड UPI लेनदेन करने की योजना बना रहे हैं, तो लागू होने वाले शुल्क के बारे में पहले से जान लें।

नए नियमों का प्रभाव और लाभ

इन नए नियमों का प्रभाव न केवल उपयोगकर्ताओं पर बल्कि पूरे UPI इकोसिस्टम पर भी पड़ेगा। ये नियम डिजिटल भुगतान को अधिक सुरक्षित और कुशल बनाने में मदद करेंगे।

मोबाइल नंबर अपडेट से जुड़े नियम धोखाधड़ी को रोकने में मदद करेंगे। बंद या रिसाइकिल्ड मोबाइल नंबरों को हटाने से फ्रॉड ट्रांजैक्शन की संभावना कम होगी। उपयोगकर्ताओं से स्पष्ट सहमति लेने से डिजिटल भुगतान में पारदर्शिता बढ़ेगी।

UPI 123Pay और UPI Lite की बढ़ी हुई सीमाएं उपयोगकर्ताओं को अधिक लचीलापन प्रदान करेंगी। अंतरराष्ट्रीय UPI लेनदेन की सुविधा से विदेश यात्रा करने वालों को लाभ होगा। थर्ड पार्टी ऐप्स पर वॉल्यूम कैप से बाजार में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी।

1 अप्रैल 2025 से लागू होने वाले ये नए UPI नियम भारत के डिजिटल भुगतान इकोसिस्टम को और अधिक मजबूत बनाएंगे। ये नियम न केवल सुरक्षा को बढ़ाएंगे बल्कि उपयोगकर्ताओं को बेहतर सेवाएं भी प्रदान करेंगे।

उपयोगकर्ताओं को इन बदलावों का स्वागत करना चाहिए और नए नियमों का पालन करना चाहिए। अपने मोबाइल नंबर को अपडेट रखना, स्पष्ट सहमति देना, और UPI ऐप्स को नियमित रूप से अपडेट करना अब और भी महत्वपूर्ण हो जाएगा।

इन नए नियमों के साथ, भारत का डिजिटल भुगतान इकोसिस्टम और भी सुरक्षित, कुशल, और उपयोगकर्ता-अनुकूल बनेगा। यह न केवल उपयोगकर्ताओं के लिए बल्कि पूरे देश के डिजिटल अर्थव्यवस्था के विकास के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम है।

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