महंगाई भत्ते में 7 साल की सबसे कम बढ़ौतरी, सरकारी कर्मचारियों के निकल आएंगे आंसू DA Hike

DA Hike: मार्च महीना आते ही केंद्रीय कर्मचारियों में महंगाई भत्ते (DA) की बढ़ोतरी को लेकर उत्साह और उम्मीदें बढ़ जाती हैं। हर बार की तरह इस बार भी कर्मचारी टकटकी लगाए इस बढ़ोतरी का इंतजार कर रहे थे। लेकिन इस बार उनके लिए खुशखबरी के बजाय निराशाजनक समाचार आया है। ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (AICPI) के आंकड़ों के अनुसार, केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए महंगाई भत्ता (DA) और महंगाई राहत (DR) में इस बार मात्र 2 प्रतिशत की बढ़ोतरी होने की संभावना है। यह बढ़ोतरी 1 जनवरी 2025 से प्रभावी होगी और मार्च की सैलरी के साथ कर्मचारियों को दो महीने का एरियर भी दिया जाएगा।

यह बढ़ोतरी पिछले सात वर्षों में सबसे कम है, जिससे कर्मचारियों को निराशा हुई है। हालांकि अभी तक सरकार की ओर से आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है, लेकिन AICPI के आंकड़ों के आधार पर यह अनुमान लगाया जा रहा है कि इस सप्ताह सरकार इस संबंध में अपना फैसला घोषित कर सकती है। जुलाई 2018 के बाद से यह पहली बार होगा जब DA में 3 प्रतिशत से कम वृद्धि होगी, जिससे कर्मचारियों को महंगाई से निपटने में अतिरिक्त चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।

महंगाई के समय में कम DA बढ़ोतरी से कर्मचारी परेशान

महंगाई अपने चरम पर है और ऐसे समय में महंगाई भत्ते में मात्र 2 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर्मचारियों को राहत देने में पर्याप्त नहीं होगी। रोजमर्रा की वस्तुओं की कीमतों में लगातार वृद्धि, बिजली और पानी के बिलों में बढ़ोतरी, शिक्षा और स्वास्थ्य खर्चों में वृद्धि के कारण कर्मचारियों के लिए अपने परिवार का खर्च चलाना मुश्किल होता जा रहा है। महंगाई भत्ता कर्मचारियों को महंगाई के बोझ से राहत देने के लिए होता है, लेकिन इस बार की कम बढ़ोतरी से कर्मचारियों को निराशा हुई है।

ऐसे कई कर्मचारी थे जो भारी DA बढ़ौतरी की उम्मीद में अपने वेतन और भत्तों का गुणा-भाग करके पहले से ही योजनाएं बना रहे थे। लेकिन अब सभी अटकलों पर विराम लग गया है और कर्मचारियों को वास्तविकता का सामना करना पड़ेगा। वर्तमान में केंद्रीय कर्मचारियों को 53 प्रतिशत डीए मिल रहा है, जिसमें 2 प्रतिशत की बढ़ोतरी होने पर यह 55 प्रतिशत हो जाएगा। इस बढ़ोतरी से कर्मचारियों के वेतन में थोड़ा ही इजाफा होगा, जो महंगाई के मुकाबले बहुत कम है।

पिछले सात सालों का डीए बढ़ोतरी का इतिहास

जनवरी 2016 में सातवां वेतन आयोग लागू होने के बाद से, डीए में साल में दो बार बढ़ोतरी होती रही है, सिवाय कोरोना काल के, जब DA में बढ़ोतरी पर रोक लगा दी गई थी। पिछले सात वर्षों के डीए बढ़ोतरी के आंकड़ों पर नजर डालें तो पता चलता है कि अब तक डीए में 3 प्रतिशत से कम की बढ़ोतरी कभी नहीं हुई थी, सिवाय जुलाई 2018 के, जब 2 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी।

वर्ष 2024 की बात करें तो सरकार ने पूरे साल में कुल 7 प्रतिशत की DA बढ़ोतरी की थी। इसमें जनवरी 2024 में 4 प्रतिशत और जुलाई 2024 में 3 प्रतिशत की बढ़ोतरी शामिल थी, जिससे DA 46 प्रतिशत से बढ़कर 53 प्रतिशत हो गया था। जनवरी 2024 के डीए की बढ़ौतरी का ऐलान मार्च में किया गया था, जबकि जुलाई 2024 की बढ़ोतरी की घोषणा अक्टूबर 2024 में की गई थी। इसी प्रकार, इस बार भी जनवरी 2025 के लिए DA बढ़ोतरी की घोषणा मार्च के महीने में होने की उम्मीद है, जिसमें संभवतः होली के आसपास यह घोषणा हो सकती है।

कोरोना काल में रुके हुए DA की मांग अभी भी जारी

सातवां वेतन आयोग जनवरी 2016 में लागू हुआ था, जिसके तहत छठे वेतन आयोग के समय के 125 प्रतिशत डीए को मूल वेतन में मर्ज कर दिया गया था। सातवें वेतन आयोग के लागू होने के बाद जुलाई 2016 में पहली बार 2 प्रतिशत डीए बढ़ाया गया था। इसके बाद से हर साल जनवरी और जुलाई में DA में संशोधन होता रहा है, लेकिन कोरोना महामारी के दौरान यह प्रक्रिया बाधित हुई।

जनवरी 2020 से जून 2021 तक, यानी 18 महीने तक, DA में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई। कोरोना महामारी के दौरान केंद्र सरकार ने आर्थिक संकट के कारण DA में बढ़ोतरी पर रोक लगा दी थी। हालांकि जुलाई 2021 से DA में फिर से बढ़ोतरी शुरू हो गई, लेकिन उन 18 महीनों का रुका हुआ DA अभी तक कर्मचारियों को नहीं मिला है। केंद्रीय कर्मचारी संगठन लगातार इन 18 महीनों के बकाया DA की मांग कर रहे हैं, लेकिन अभी तक सरकार ने इस पर कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया है।

8वें वेतन आयोग का गठन और भविष्य में DA का प्रभाव

इस वर्ष जनवरी 2025 में सरकार ने 8वें वेतन आयोग के गठन की घोषणा की है, जिसे जनवरी 2026 से लागू किया जा सकता है। 8वें वेतन आयोग के लागू होने से पहले इस वर्ष के दौरान एक और DA बढ़ोतरी होगी, जो 1 जुलाई 2025 से प्रभावी होगी और इसकी घोषणा अक्टूबर 2025 में होने की उम्मीद है। लेकिन अभी तक 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें तैयार की जानी हैं, जिसमें समय लगेगा।

8वें वेतन आयोग के गठन के बाद, इसे सरकार को अपनी अंतिम रिपोर्ट सौंपने में लगभग एक वर्ष का समय लग सकता है। यदि रिपोर्ट देर से सौंपी जाती है, तो संभव है कि 2026 की पहली छमाही में कर्मचारियों को 7वें वेतन आयोग के अनुसार ही एक और डीए बढ़ोतरी मिल सकती है। लेकिन एक बार 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने के बाद, 50 प्रतिशत से अधिक DA को मूल वेतन में मर्ज किया जा सकता है, जिसके बाद DA फिर से शून्य से शुरू हो जाएगा।

यह प्रक्रिया पिछले वेतन आयोगों में भी देखी गई है, जहां DA एक निश्चित सीमा तक पहुंचने के बाद उसे मूल वेतन में शामिल कर दिया जाता है और फिर से नए सिरे से DA की गणना शुरू होती है। इस प्रकार, 8वें वेतन आयोग के लागू होने के बाद कर्मचारियों के वेतन में एक बड़ा इजाफा होने की उम्मीद है, लेकिन DA शून्य से शुरू होगा और फिर से धीरे-धीरे बढ़ेगा।

DA कैसे होता है निर्धारित?

महंगाई भत्ता निर्धारित करने के लिए, सरकार ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (AICPI) के आंकड़ों का उपयोग करती है। AICPI एक ऐसा सूचकांक है जो औद्योगिक श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक को मापता है। यह सूचकांक खाद्य पदार्थों, आवास, कपड़े, ईंधन और प्रकाश, परिवहन और संचार, स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा, मनोरंजन आदि जैसे विभिन्न क्षेत्रों में कीमतों में बदलाव को दर्शाता है।

DA की गणना के लिए, AICPI के 12 महीनों के औसत को लिया जाता है। जनवरी से जून के लिए DA तय करने हेतु, पिछले वर्ष जुलाई से दिसंबर तक के AICPI के औसत को आधार बनाया जाता है। इसी प्रकार, जुलाई से दिसंबर के लिए DA तय करने हेतु, चालू वर्ष के जनवरी से जून तक के AICPI के औसत का उपयोग किया जाता है।

सातवें वेतन आयोग के अनुसार, DA की गणना के लिए एक विशेष फॉर्मूला का उपयोग किया जाता है। इस फॉर्मूले के अनुसार, DA = ((वर्तमान AICPI – आधार वर्ष AICPI) / आधार वर्ष AICPI) × 100 होता है। सातवें वेतन आयोग के लिए आधार वर्ष AICPI 261.4 है (जो 2016 = 100 के आधार पर है)।

मौजूदा DA बढ़ोतरी का कर्मचारियों के वेतन पर प्रभाव

वर्तमान में, केंद्रीय कर्मचारियों को 53 प्रतिशत DA मिल रहा है। इसमें 2 प्रतिशत की बढ़ोतरी होने पर यह 55 प्रतिशत हो जाएगा। इस बढ़ोतरी का कर्मचारियों के वेतन पर क्या प्रभाव पड़ेगा, इसे एक उदाहरण से समझा जा सकता है।

मान लीजिए कि किसी केंद्रीय कर्मचारी का मूल वेतन 20,000 रुपये प्रति माह है। 53 प्रतिशत DA के साथ, उसे 10,600 रुपये (20,000 × 53%) DA के रूप में मिलते हैं। अब, 2 प्रतिशत की बढ़ोतरी के बाद, उसका DA 55 प्रतिशत हो जाएगा, यानी 11,000 रुपये (20,000 × 55%)। इस प्रकार, उसके महंगाई भत्ते में मात्र 400 रुपये की वृद्धि होगी।

इसी तरह, यदि किसी कर्मचारी का मूल वेतन 50,000 रुपये है, तो उसके DA में 1,000 रुपये की वृद्धि होगी। वरिष्ठ अधिकारियों के लिए, जिनका मूल वेतन अधिक है, यह वृद्धि अपेक्षाकृत अधिक होगी, लेकिन निम्न वेतन वाले कर्मचारियों के लिए यह वृद्धि बहुत कम होगी।

DA बढ़ोतरी कम होने के कारण

इस बार DA बढ़ोतरी कम होने के पीछे कई कारण हैं। सबसे प्रमुख कारण है AICPI में पिछले छह महीनों के दौरान कम वृद्धि। AICPI के आंकड़े महंगाई की स्थिति को दर्शाते हैं, और यदि इन आंकड़ों में कम वृद्धि होती है, तो DA में भी कम बढ़ोतरी होती है।

पिछले कुछ महीनों में, सरकार ने महंगाई को नियंत्रित करने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिसके परिणामस्वरूप AICPI में कम वृद्धि देखी गई है। हालांकि, इसका मतलब यह नहीं है कि वास्तविक महंगाई कम हुई है। कई वस्तुओं और सेवाओं की कीमतें अभी भी बढ़ रही हैं, लेकिन AICPI के हिसाब से यह वृद्धि कम है।

इसके अलावा, सरकारी खजाने पर वित्तीय बोझ भी DA बढ़ोतरी कम होने का एक कारण हो सकता है। हर बार DA में 1 प्रतिशत की बढ़ोतरी से सरकार पर लगभग 9,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ता है। इसलिए, सरकार DA बढ़ोतरी को सीमित रखकर अपने वित्तीय संसाधनों का प्रबंधन करने का प्रयास करती है।

कर्मचारियों के लिए क्या विकल्प हैं?

कम DA बढ़ोतरी के इस दौर में, केंद्रीय कर्मचारियों के लिए कुछ विकल्प हो सकते हैं। सबसे पहले, वे अपने खर्चों को नियंत्रित करके अपने बजट को संतुलित कर सकते हैं। महंगाई के इस दौर में, अनावश्यक खर्चों को कम करना और आवश्यक वस्तुओं पर ध्यान केंद्रित करना महत्वपूर्ण है।

दूसरा, कर्मचारी अतिरिक्त आय के स्रोत तलाश सकते हैं, जैसे कि पार्ट-टाइम काम या फ्रीलांसिंग। हालांकि, यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि ये गतिविधियां सरकारी नियमों और नीतियों के अनुरूप हों।

तीसरा, कर्मचारी अपने संगठनों के माध्यम से सरकार से मांग कर सकते हैं कि DA में बढ़ोतरी महंगाई की वास्तविक दर के अनुरूप की जाए। वे कोरोना काल के दौरान रुके हुए 18 महीनों के DA की भी मांग कर सकते हैं, जिससे उन्हें कुछ राहत मिल सकती है।

सात साल में पहली बार DA में 2 प्रतिशत की न्यूनतम बढ़ोतरी केंद्रीय कर्मचारियों के लिए एक बड़ा झटका है, खासकर जब महंगाई लगातार बढ़ रही है। इस कम बढ़ोतरी से कर्मचारियों को महंगाई से निपटने में और अधिक चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।

हालांकि, आशा की किरण यह है कि 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें जल्द ही लागू हो सकती हैं, जिससे कर्मचारियों के वेतन में एक बड़ा इजाफा होने की उम्मीद है। इसके अलावा, अगली DA बढ़ोतरी, जो जुलाई 2025 से प्रभावी होगी, के अधिक होने की संभावना है, क्योंकि तब तक महंगाई की स्थिति में बदलाव हो सकता है।

अंततः, केंद्रीय कर्मचारियों को धैर्य रखना होगा और अपने वित्तीय प्रबंधन को बेहतर बनाना होगा, जबकि सरकार से उम्मीद है कि वह कर्मचारियों की आर्थिक समस्याओं को समझे और उनके कल्याण के लिए उचित कदम उठाए। आखिरकार, सरकारी कर्मचारी देश की विकास यात्रा के महत्वपूर्ण स्तंभ हैं, और उनके समर्थन के बिना प्रशासनिक मशीनरी सुचारू रूप से नहीं चल सकती।

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