2025 में बैंकिंग सेक्टर में बड़ा धमाका, 2 New Rule लागू, करोड़ों खाताधारकों को होगा सीधा फायदा – जानें पूरी जानकारी banking sector in 2025

banking sector in 2025: पिछले कुछ महीनों में भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं। ये बदलाव भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के नियमों में और विभिन्न बैंकों द्वारा जारी किए गए नए अपडेट में देखे जा सकते हैं। इन नियमों का मुख्य उद्देश्य बैंकिंग प्रणाली को अधिक सुरक्षित, पारदर्शी और ग्राहक-केंद्रित बनाना है। आज के समय में बैंकिंग सेवाएं हर व्यक्ति के जीवन का अनिवार्य हिस्सा बन गई हैं, इसलिए इन बदलावों को समझना आवश्यक है। इस लेख में, हम इन नए नियमों पर विस्तार से चर्चा करेंगे और समझेंगे कि ये आम लोगों के बैंक खातों पर कैसे प्रभाव डालेंगे।

केवाईसी अपडेशन के नए नियम

बैंकिंग क्षेत्र में सबसे महत्वपूर्ण बदलाव केवाईसी (Know Your Customer) नियमों में आया है। अब हर बैंक खाताधारक को हर 2-3 साल में अपने केवाईसी विवरण को अपडेट करना अनिवार्य किया गया है। यदि आप अपने केवाईसी विवरण समय पर अपडेट नहीं करते हैं, तो आपका बैंक खाता फ्रीज या बंद किया जा सकता है। इस नियम का उद्देश्य फर्जी खातों पर नियंत्रण रखना और धन शोधन जैसी गतिविधियों को रोकना है। आपको अपना आधार कार्ड, पैन कार्ड और पते का प्रमाण जैसे दस्तावेज अपडेट करने के लिए बैंक शाखा में जाना होगा या फिर ऑनलाइन माध्यम से इसे अपडेट कर सकते हैं।

न्यूनतम बैलेंस में बदलाव

विभिन्न बैंकों द्वारा न्यूनतम बैलेंस के नियमों में भी महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। कई बैंकों ने शहरी क्षेत्रों में न्यूनतम बैलेंस की सीमा ₹3,000 से बढ़ाकर ₹5,000 कर दी है, जबकि अर्ध-शहरी क्षेत्रों में यह ₹2,000 से बढ़कर ₹3,000 और ग्रामीण क्षेत्रों में ₹1,000 से बढ़कर ₹1,500 हो गई है। हालांकि, बैंक ऑफ बड़ौदा (BOB) ने 2025 के लिए इसके विपरीत निर्णय लिया है और ग्रामीण क्षेत्रों में न्यूनतम बैलेंस ₹500 से घटाकर ₹250 और शहरी क्षेत्रों में ₹2,000 से घटाकर ₹1,000 कर दिया है। यह कम आय वर्ग और ग्रामीण ग्राहकों के लिए राहत की बात है। आपको अपने बैंक के नए नियमों की जानकारी रखनी चाहिए और न्यूनतम बैलेंस बनाए रखना चाहिए, अन्यथा बैंक आपसे पेनल्टी चार्ज वसूल सकता है।

एटीएम ट्रांजेक्शन में बदलाव

एटीएम से पैसे निकालने और अन्य लेनदेन के लिए भी नए नियम लागू किए गए हैं। अब मुफ्त लेनदेन की संख्या कम कर दी गई है और अतिरिक्त लेनदेन पर शुल्क में वृद्धि की गई है। पहले जहां आप अपने बैंक के एटीएम से महीने में 5 बार मुफ्त में पैसे निकाल सकते थे, अब यह संख्या घटाकर 3-4 कर दी गई है। दूसरे बैंकों के एटीएम से मुफ्त लेनदेन की संख्या भी 3 से घटाकर 2 कर दी गई है। इसके अलावा, अतिरिक्त लेनदेन पर शुल्क ₹20 से बढ़ाकर ₹21-25 कर दिया गया है। आपको अपने एटीएम लेनदेन की योजना सावधानी से बनानी चाहिए ताकि अतिरिक्त शुल्क से बचा जा सके।

डिजिटल पेमेंट में सुधार

भारत में डिजिटल भुगतान तेजी से बढ़ रहा है, और इसी के साथ सुरक्षा चिंताएं भी बढ़ रही हैं। इसलिए, बैंकों ने UPI और ऑनलाइन लेनदेन के लिए नए सुरक्षा फीचर्स पेश किए हैं। बैंक ऑफ बड़ौदा ने 2025 के लिए डिजिटल ट्रांजैक्शन की सीमा बढ़ाकर ₹10 लाख प्रति दिन कर दी है, लेकिन बड़ी राशि के लेनदेन के लिए OTP और बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन अनिवार्य कर दिया है। यह व्यापारियों और उच्च आय वर्ग के ग्राहकों के लिए फायदेमंद होगा। इसके अलावा, RBI ने ₹50,000 से अधिक के चेक के लिए पॉजिटिव पे सिस्टम अनिवार्य कर दिया है, जिससे चेक से जुड़ी धोखाधड़ी कम होगी।

निष्क्रिय खातों के नए नियम

बैंकों ने निष्क्रिय खातों के नियमों में भी बदलाव किए हैं। अब अगर आपका खाता लगातार 2 साल तक निष्क्रिय रहता है, तो बैंक इसे बंद कर सकता है। पहले यह अवधि 5-10 साल थी। निष्क्रिय खाता वह होता है जिसमें कोई लेनदेन नहीं होता है। इसलिए, यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि आप अपने सभी बैंक खातों में नियमित रूप से कम से कम एक लेनदेन करें, जैसे कि थोड़ी राशि जमा करना या निकालना। अगर आपके पास कई बैंक खाते हैं जिनका आप उपयोग नहीं करते हैं, तो उन्हें बंद करना या नियमित रूप से उपयोग करना शुरू करना बेहतर होगा।

सेविंग्स अकाउंट ब्याज में बदलाव

कई बैंकों ने बचत खातों पर मिलने वाली ब्याज दरों में मामूली वृद्धि की है। पहले जहां सेविंग्स अकाउंट पर औसतन 2.5% से 3% ब्याज मिलता था, अब यह बढ़कर 3% से 3.5% हो गया है। यह ग्राहकों के लिए अच्छी खबर है, खासकर उन लोगों के लिए जो अपने बचत खातों में बड़ी राशि रखते हैं। हालांकि, यह वृद्धि फिक्स्ड डिपॉजिट की तुलना में अभी भी काफी कम है, इसलिए लंबी अवधि के लिए पैसे रखने के लिए एफडी अभी भी बेहतर विकल्प है।

लोन ईएमआई के नियमों में बदलाव

बैंकों ने लोन चुकौती नियमों में भी बदलाव किए हैं। अब देरी से ईएमआई भुगतान पर जुर्माने में वृद्धि की गई है। पहले जहां देरी से भुगतान पर 1-2% का जुर्माना लगता था, अब यह बढ़कर 2-3% हो गया है। इसके अलावा, कुछ बैंकों ने प्री-पेमेंट चार्जेज में भी बदलाव किया है। अगर आप कोई लोन ले रहे हैं या पहले से ही लोन चुका रहे हैं, तो इन नए नियमों की जानकारी रखना महत्वपूर्ण है और अपनी ईएमआई समय पर चुकाना सुनिश्चित करें।

ग्राहकों के लिए सुझाव

इन सभी नए नियमों को देखते हुए, बैंक ग्राहकों के लिए कुछ महत्वपूर्ण सुझाव हैं। सबसे पहले, अपने केवाईसी विवरण को नियमित रूप से अपडेट रखें और इसके लिए बैंक से मिलने वाले नोटिफिकेशन पर ध्यान दें। दूसरा, अपने बैंक खाते में न्यूनतम बैलेंस बनाए रखें और यदि आपके पास कई निष्क्रिय खाते हैं, तो उन्हें बंद कर दें या नियमित रूप से उपयोग करना शुरू करें। तीसरा, एटीएम लेनदेन की सावधानीपूर्वक योजना बनाएं ताकि अतिरिक्त शुल्क से बचा जा सके। चौथा, डिजिटल लेनदेन करते समय सुरक्षा फीचर्स जैसे OTP और पासवर्ड का सावधानीपूर्वक उपयोग करें और अपने मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी को बैंक रिकॉर्ड्स में अपडेट रखें।

इन नए बैंकिंग नियमों का उद्देश्य बैंकिंग प्रणाली को अधिक सुरक्षित, पारदर्शी और ग्राहक-केंद्रित बनाना है। हालांकि कुछ नियम ग्राहकों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं, लेकिन ये अंततः बैंकिंग प्रणाली की मजबूती और सुरक्षा में योगदान देंगे। ग्राहकों को इन नियमों के बारे में जागरूक रहना चाहिए और अपने बैंक खातों की जानकारी हमेशा अपडेट रखनी चाहिए। बैंकिंग क्षेत्र में ये बदलाव हमारे वित्तीय जीवन को प्रभावित करेंगे, इसलिए इन्हें समझना और इनके अनुसार अपनी वित्तीय योजना बनाना महत्वपूर्ण है।

अस्वीकरण: यह लेख केवल जानकारी प्रदान करने के उद्देश्य से लिखा गया है। यहां दी गई जानकारी विभिन्न बैंकों द्वारा जारी नियमों पर आधारित है। कृपया किसी भी वित्तीय निर्णय लेने से पहले संबंधित बैंक की आधिकारिक वेबसाइट या शाखा से जानकारी प्राप्त करें। इन नियमों की वास्तविकता और प्रभाव क्षेत्रीय और बैंक-विशिष्ट हो सकते हैं।

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