DA Merger: केंद्र सरकार हर 10 साल में अपने कर्मचारियों के वेतन ढांचे में संशोधन करती है। 7वां वेतन आयोग जनवरी 2016 में लागू किया गया था और अब जैसे-जैसे इसे लागू हुए 10 साल पूरे होने वाले हैं, सरकार 8वें वेतन आयोग के गठन की तैयारी में है। यह नया वेतन आयोग सरकारी कर्मचारियों के लिए वेतन में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकता है। इस लेख में हम 8वें वेतन आयोग से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियों पर चर्चा करेंगे।
8वें वेतन आयोग में डीए का मूल वेतन में विलय
नेशनल काउंसिल ऑफ जॉइंट कंसल्टेटिव मशीनरी (NC-JCM) के कर्मचारी पक्ष ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण जानकारी साझा की है। उनके अनुसार, 8वें केंद्रीय वेतन आयोग की शर्तों में महंगाई भत्ते (डीए) को मूल वेतन में मिलाने का प्रस्ताव है। कर्मचारी पक्ष का कहना है कि 8वें वेतन आयोग के तहत महंगाई भत्ते और महंगाई राहत का प्रतिशत निर्धारित किया जाना चाहिए, जिसके बाद इसे क्रमशः वेतन और पेंशन में मिलाया जाएगा। इस प्रकार कर्मचारियों के वेतन में उल्लेखनीय वृद्धि हो सकती है।
5वें वेतन आयोग में डीए विलय का नियम
डीए को मूल वेतन में मिलाने का विचार नया नहीं है। केंद्र सरकार ने 5वें वेतन आयोग के दौरान एक नियम लागू किया था, जिसके अनुसार जब महंगाई भत्ता 50 प्रतिशत से अधिक हो जाता है, तो उसे मूल वेतन में मिला दिया जाता है। इस नियम के तहत 2004 में डीए को मूल वेतन में मिला दिया गया था। हालांकि, छठे वेतन आयोग (2006-2016) के दौरान इस नियम को हटा दिया गया था। 7वें वेतन आयोग के तहत इसे फिर से लागू करने की मांग की जा रही है, लेकिन सरकार ने अभी तक इसे स्वीकार नहीं किया है।
5वें वेतन आयोग के महत्वपूर्ण सुझाव
5वें वेतन आयोग ने सरकार को दो महत्वपूर्ण सुझाव दिए थे। पहला सुझाव था कि भविष्य में केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के वेतन संशोधन का कार्य एक स्थायी वेतन आयोग को सौंपा जाना चाहिए। इस स्थायी वेतन आयोग को अपना अधिकार संवैधानिक प्रावधान से प्राप्त होना चाहिए और इसकी सालाना सिफारिशें बाध्यकारी होनी चाहिए।
दूसरा सुझाव था कि महंगाई भत्ते को मूल वेतन में तब परिवर्तित किया जाना चाहिए जब जीवन यापन की लागत आधार स्तर से 50 प्रतिशत तक बढ़ जाए। यह प्रावधान वेतन संरचना में स्थिरता लाने में मदद कर सकता है।
डीए में 50 प्रतिशत तक की वृद्धि का प्रावधान
5वें वेतन आयोग के अनुसार, डीए को सामान्य रूप से 5 साल की अवधि में 50 प्रतिशत तक बढ़ाया जा सकता है। इस प्रकार की राहत को वेतन आयोग के माध्यम से वेतन संशोधन के दशकीय अभ्यास के साथ जोड़ा जा सकता है। वेतन आयोग ने 2003 तक अगले वेतन आयोग के गठन की सिफारिश की थी, ताकि उसकी रिपोर्ट 2006 तक उपलब्ध हो सके। हालांकि सरकार ने 2003 में नया वेतन आयोग नियुक्त नहीं किया, लेकिन 1 अप्रैल 2004 से वेतन के साथ 50 प्रतिशत महंगाई भत्ते को मिलाने की अनुमति दे दी थी।
छठे वेतन आयोग में डीए विलय का इनकार
छठे वेतन आयोग ने महंगाई भत्ते को मूल वेतन में मिलाने के विचार को अस्वीकार कर दिया था। इसके बजाय, उसने रनिंग पे बैंड और ग्रेड पे के आधार पर संशोधित वेतन संरचना की सिफारिश की थी। छठे वेतन आयोग के अनुसार, उनके द्वारा अनुशंसित संशोधित संरचना में महंगाई भत्ते को मूल वेतन में मिलाने की आवश्यकता नहीं थी, क्योंकि वेतन वृद्धि वेतन बैंड और ग्रेड पे के माध्यम से प्रदान की जा सकती थी। इसके अलावा, सभी भत्तों और लाभों को मूल्य सूचकांक में वृद्धि से जोड़कर समय-समय पर संशोधित करने का प्रावधान किया गया था।
7वें वेतन आयोग में वेतन संशोधन
7वें वेतन आयोग ने समेकित वेतन पैकेज (कॉन्सोलिडेटेड वेतन पैकेज) में संशोधन को केंद्र सरकार के कर्मचारियों को दी जाने वाली अर्धवार्षिक महंगाई भत्ते की वृद्धि से अलग रखा था। हालांकि, महंगाई दर के कारण क्रय शक्ति में कमी को देखते हुए, 7वें वेतन आयोग ने महंगाई भत्ते को 50 प्रतिशत तक बढ़ाने की सिफारिश की थी।
8वें वेतन आयोग से अपेक्षाएं
8वें वेतन आयोग के लागू होने के साथ ही सरकारी कर्मचारियों की सैलरी में उल्लेखनीय वृद्धि की उम्मीद है। इसके अलावा, इस वेतन आयोग में सरकार कर्मचारियों के डीए को शून्य से शुरू कर सकती है, जो एक नई वेतन प्रणाली की शुरुआत होगी। कर्मचारी संगठन महंगाई भत्ते को मूल वेतन में मिलाने की मांग कर रहे हैं, जिससे वेतन में स्थायी वृद्धि हो सकती है।
8वां वेतन आयोग केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण घटना होगी। इसके माध्यम से न केवल वेतन संरचना में बदलाव होगा, बल्कि महंगाई भत्ते और अन्य भत्तों में भी संशोधन की संभावना है। कर्मचारियों के लिए यह जानना महत्वपूर्ण है कि वेतन आयोग की सिफारिशें किस प्रकार उनके वेतन और भत्तों को प्रभावित करेंगी। आने वाले समय में सरकार द्वारा 8वें वेतन आयोग के गठन और उसकी कार्यप्रणाली के बारे में अधिक जानकारी मिलने की उम्मीद है।
अस्वीकरण
यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है। इसमें दी गई जानकारी विभिन्न स्रोतों से ली गई है और इसकी सटीकता की गारंटी नहीं दी जा सकती है। सरकारी नीतियों और निर्णयों के बारे में अधिक जानकारी के लिए आधिकारिक सरकारी स्रोतों से संपर्क करें या उनकी वेबसाइट देखें।