gold rate: सोने की कीमतों में बीते कई दिनों से लगातार उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। इसकी बढ़ती कीमतों के कारण बाजार में काफी हलचल मची हुई है। सोने और चांदी की कीमतों में इस साल की शुरुआत से ही बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि जैसे सोने की कीमतें अब सातवें आसमान को छू रही हैं, आने वाले समय में ये और भी बेलगाम हो सकती हैं। चिंता की बात यह है कि बाजार के ट्रेंड के अनुसार 2025 के अंत तक सोने के दाम 95 हजार रुपए प्रति 10 ग्राम को पार कर सकते हैं।
भोपाल में सोने और चांदी के वर्तमान भाव
एमपी की राजधानी भोपाल में आज शनिवार (15 मार्च 2025) को भारतीय बुलियन के अनुसार, 22 कैरेट सोने का रेट 80,250 रुपए प्रति 10 ग्राम है, जबकि बीते दिन यह 80,772 रुपए था। इसी तरह 24 कैरेट सोने के दाम आज 88,250 रुपए प्रति 10 ग्राम हैं, जो कल 88,910 रुपए प्रति 10 ग्राम थे। चांदी की बात करें तो आज इसका भाव 100,840 रुपए प्रति किलो है, जबकि बीते दिन यह 900,420 रुपए प्रति किलो था।
देशभर में सोने-चांदी के भाव
देशभर में शेयर बाजार रेड जोन में बना हुआ है, जिसका असर सोने और चांदी की कीमतों पर भी पड़ रहा है। पिछले दो हफ्तों में सोने के भाव लगभग 3,500 रुपए तक बढ़े हैं। आज पूरे भारत में 24 कैरेट सोने का भाव 88,320 रुपए प्रति 10 ग्राम है, जबकि कल यह 88,130 रुपए प्रति 10 ग्राम था। चांदी की बात करें तो आज इसका भाव 100,920 रुपए प्रति किलो है, जो कल 100,600 रुपए प्रति किलो था।
शेयर बाजार की गिरावट का सोने पर प्रभाव
देश में पिछले 5 महीनों से शेयर बाजार रिकॉर्ड गिरावट से गुजर रहा है। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही रेड जोन में बने हुए हैं। बाजार से बड़ी संख्या में विदेशी निवेशक भारत छोड़ रहे हैं। इस आर्थिक अनिश्चितता के माहौल में निवेशक सुरक्षित निवेश के रूप में सोने की ओर रुख कर रहे हैं, जिससे सोने की कीमतों में वृद्धि हो रही है।
यह स्थिति सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय सोना बाजार में भी देखी जा सकती है। वैश्विक स्तर पर भी सोने की कीमतों में रिकॉर्ड बढ़ोतरी जारी है। इस स्थिति में अगर आप भी सोना खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो विशेषज्ञों का सुझाव है कि इसे जल्द ही खरीद लें क्योंकि आने वाले दिनों में इसकी कीमतें और भी अधिक बढ़ सकती हैं।
क्यों हो रही है सोने की कीमतों में वृद्धि?
सोने की कीमतों में लगातार वृद्धि के पीछे कई कारण हैं। सबसे पहले, वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता के कारण निवेशक सुरक्षित हेवन माने जाने वाले सोने में निवेश कर रहे हैं। दूसरा बड़ा कारण है विश्व के प्रमुख केंद्रीय बैंकों द्वारा सोने की खरीदारी में वृद्धि। इसके अलावा, वैश्विक भू-राजनीतिक तनाव और मुद्रास्फीति की चिंताएं भी सोने की कीमतों को प्रभावित कर रही हैं।
भारत में, शेयर बाजार की गिरावट के कारण निवेशकों का रुझान सोने की ओर बढ़ा है। इसके अलावा, त्योहारों के मौसम में सोने की मांग बढ़ने से भी इसकी कीमतों पर दबाव बढ़ता है। इन सभी कारणों से सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव के बावजूद समग्र रूप से बढ़ोतरी देखी जा रही है।
असली सोने की पहचान कैसे करें?
सोने की खरीदारी करते समय यह सुनिश्चित करना बहुत जरूरी है कि आप असली सोना ही खरीद रहे हैं। इसके लिए हॉलमार्क देखकर ही गहने खरीदें, क्योंकि यही सोने की सरकारी गारंटी है। भारत में ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स (BIS) हॉलमार्क का निर्धारण करता है।
हर कैरेट के हॉलमार्क अंक अलग होते हैं, इसलिए इन्हें ध्यान से देखकर ही सोना खरीदें। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो आपके खरीदे गए सोने में मिलावट हो सकती है। इसलिए हमेशा जांच-परख कर ही सोने की खरीदारी करें।
भविष्य में सोने की कीमतों का अनुमान
विशेषज्ञों का अनुमान है कि आने वाले समय में सोने की कीमतें और भी अधिक बढ़ सकती हैं। बाजार के ट्रेंड के अनुसार, इस वर्ष के अंत तक सोने के दाम 95 हजार रुपए प्रति 10 ग्राम को पार कर सकते हैं। इसलिए अगर आप निवेश के लिए या फिर शादी-विवाह जैसे खास अवसरों के लिए सोना खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो वर्तमान में इसकी खरीदारी करना एक बेहतर विकल्प हो सकता है।
हालांकि, सोने में निवेश करते समय हमेशा सावधानी बरतें और अपनी वित्तीय स्थिति के अनुसार ही निवेश करें। सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव लगा रहता है, इसलिए इसमें केवल दीर्घकालिक निवेश की योजना बनाना उचित होगा।
सोने की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोतरी के बीच निवेशकों को सावधानी से निर्णय लेने की आवश्यकता है। हालांकि सोना हमेशा एक सुरक्षित निवेश माना जाता है, लेकिन इसकी ऊंची कीमतें निवेशकों के लिए चुनौती भी हो सकती हैं। सोने की खरीदारी करते समय हमेशा प्रामाणिक स्रोतों से ही खरीदें और हॉलमार्क की जांच जरूर करें।
वर्तमान आर्थिक परिदृश्य में, सोने में निवेश एक अच्छा विकल्प हो सकता है, खासकर जब शेयर बाजार अस्थिर है। लेकिन अपने सभी निवेश एक ही जगह न रखें, बल्कि अपने निवेश पोर्टफोलियो को विविधता प्रदान करें। इससे जोखिम कम होगा और आपके निवेश सुरक्षित रहेंगे।