DA Hike: देश के लाखों केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए होली से पहले एक बड़ी सौगात आने की संभावना है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सरकार जल्द ही महंगाई भत्ते (डीए) और महंगाई राहत (डीआर) में 2 से 3 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर सकती है। इस बढ़ोतरी से 48 लाख से अधिक केंद्रीय कर्मचारियों और 69 लाख से ज्यादा पेंशनभोगियों की आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में 12 मार्च को होने वाली कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर लगने की उम्मीद है।
वर्तमान डीए दर और संभावित वृद्धि
वर्तमान में केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को मिलने वाली डीए और डीआर की दर 53 प्रतिशत है। नए प्रस्ताव के अनुसार, इसमें 2 से 3 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है, जिससे यह दर बढ़कर 55 या 56 प्रतिशत हो जाएगी। सरकार हर साल दो बार, जनवरी और जुलाई में, महंगाई भत्ते में संशोधन करती है। यह संशोधन अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (एआईसीपीआई इंडेक्स) के आंकड़ों पर आधारित होता है, जो महंगाई दर को दर्शाता है।
नए डीए का प्रभाव और लागू होने की तिथि
अगर सरकार डीए में बढ़ोतरी को मंजूरी देती है, तो यह 1 जनवरी 2025 से प्रभावी होगा। इसका मतलब है कि कर्मचारियों को जनवरी और फरवरी 2025 के महीनों का एरियर (बकाया राशि) भी मिलेगा। यह बढ़ोतरी 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार की जाएगी, जिसके तहत केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को महंगाई से राहत देने के लिए समय-समय पर महंगाई भत्ते में वृद्धि की जाती है।
कर्मचारियों की सैलरी पर कितना होगा असर
डीए में 2 से 3 प्रतिशत की वृद्धि से कर्मचारियों की सैलरी में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। इसके कुछ अनुमानित आंकड़े इस प्रकार हैं:
जिन कर्मचारियों का मूल वेतन 18,000 रुपये है, उनकी सैलरी में 540 से 720 रुपये प्रति माह की वृद्धि होगी। 50,000 रुपये मूल वेतन पाने वाले कर्मचारियों को 1,500 रुपये प्रति माह अधिक मिलेंगे। उच्च वेतन वर्ग में, 2,50,000 रुपये मूल वेतन पाने वाले कर्मचारियों की सैलरी में 7,500 रुपये प्रति माह तक की बढ़ोतरी हो सकती है। इसी तरह, पेंशनभोगियों की पेंशन में भी उनके मूल पेंशन के अनुसार 270 से 3,750 रुपये तक की वृद्धि देखने को मिल सकती है।
पेंशनरों के लिए महंगाई राहत में वृद्धि
पेंशनभोगियों के लिए भी यह खबर बेहद अच्छी है। महंगाई राहत (डीआर) में वृद्धि से उनकी मासिक पेंशन में अच्छी-खासी बढ़ोतरी होगी। जिन पेंशनरों की मूल पेंशन 9,000 रुपये है, उन्हें 270 रुपये अधिक मिल सकते हैं, जबकि 1,25,000 रुपये मूल पेंशन पाने वालों को 3,750 रुपये प्रति माह अधिक मिल सकते हैं। इस बढ़ोतरी से पेंशनभोगियों को बढ़ती महंगाई से निपटने में मदद मिलेगी।
होली से पहले आ सकती है खुशखबरी
अगर सब कुछ योजना के अनुसार हुआ, तो केंद्रीय कर्मचारियों को होली से पहले यानी 14 मार्च 2025 से पहले यह खुशखबरी मिल सकती है। पहले यह अनुमान लगाया जा रहा था कि यह निर्णय 5 मार्च को लिया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अब उम्मीद है कि 12 मार्च को होने वाली कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव पर विचार किया जाएगा। अगर सरकार इस पर सहमति देती है, तो वित्त मंत्रालय जल्द ही आधिकारिक आदेश जारी कर देगा।
महंगाई भत्ते की आवश्यकता और महत्व
महंगाई भत्ता सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसका मुख्य उद्देश्य बढ़ती महंगाई के कारण उनकी क्रय शक्ति में आने वाली कमी को पूरा करना है। जैसे-जैसे बाजार में वस्तुओं और सेवाओं की कीमतें बढ़ती हैं, कर्मचारियों की वास्तविक आय में कमी आ जाती है। महंगाई भत्ते में वृद्धि से इस कमी को कुछ हद तक पूरा किया जा सकता है, जिससे कर्मचारियों और पेंशनभोगियों का जीवन स्तर बनाए रखने में मदद मिलती है।
सरकारी बजट पर प्रभाव
महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी से सरकारी खजाने पर भी अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। हालांकि, सरकार ने इस वर्ष के बजट में इसके लिए प्रावधान किया है। यह वृद्धि न केवल कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए फायदेमंद होगी, बल्कि अर्थव्यवस्था के लिए भी अच्छी होगी, क्योंकि इससे लोगों के हाथों में अधिक खर्च करने योग्य आय आएगी, जिससे बाजार में मांग बढ़ेगी और अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी।
केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए महंगाई भत्ते में 2 से 3 प्रतिशत की वृद्धि एक सकारात्मक कदम होगा। इससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा और बढ़ती महंगाई से निपटने में मदद मिलेगी। फिलहाल, सरकार की ओर से कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है, लेकिन उम्मीद की जा रही है कि होली से पहले इसकी घोषणा हो सकती है। कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को सलाह दी जाती है कि वे सरकार द्वारा जारी आधिकारिक सूचनाओं का इंतजार करें और किसी भी अफवाह पर ध्यान न दें।